राजस्थान के लोक देवता ( Rajasthan ke lokDevta )
राजस्थान के लोक देवता ( Rajasthan ke lokDevta ) | राजस्थान के लोक देवता PDF | राजस्थान के लोक देवता प्रश्न | राजस्थान के 5 लोक देवता | राजस्थान के लोक देवता गोगाजी | राजस्थान के लोक देवता विकिपीडिया | राजस्थान के लोक देवता पाबूजी | राजस्थान के लोक देवता ट्रिक
1. गोगाजी –
- जन्म – ददरेवा (जेवरग्राम) राजगढ़ तहसील (चुरू)
- जाति – राजपूत
- गोत्र – चौहान,
- पिता – जेवर,
- माता – बाछल
- पत्नी – केलम
- गुरु – गोरखनाथ
- उपनाम – सांपों के देवता, गायों के मुक्तिदाता
- जाहरपीर – (यह नाम महमूद गजनवी ने दिया) । गोगा जी ने महमूद गजनवी के साथ युद्ध किया था
- शीर्षमेंड़ी- ददरेवा, चुरु
- धूरमेंड़ी या गोगामेडी – नोहर तहसील हनुमानगढ़
- गोगाजी की ओल्डी – सांचौर, जालौर
- धूरमेंड़ी के निर्माता फिरोज शाह तुगलक
- वर्तमान स्वरूप (पुनः निर्माण) महाराजा गंगा सिंह नें कारवाया।
- आकृति मक्काबरानुमा (बाहर बिस्मिल्लाह अंकित है)
- थान – खेजड़ी वृक्ष के नीचे
- चोयल – गोगाजी के मुस्लिम पुजारी
- इनके लोकगाथा गीतों में डेरू नामक वाद्य यंत्र बजाया जाता है।
- किसान खेत में बुआई करने से पहले गोगा जी के नाम से राखड़ी “हल” तथा “हाली” दोनों को बांधते है।
- भाद्रपद कृष्ण को गोगामेड़ी, हनुमानगढ़ में मेले का आयोजन होता है
- इस मेले के साथ-साथ राज्य स्तरीय पशु मेला भी आयोजित होता है। यह पशु मेला राज्य का सबसे लम्बी अवधि तक चलने वाला पशु मेला है। यहाँ हरियाणवी नस्ल का व्यापार होता है।
2. रामदेव जी-
- जन्म – उडुकासमेर, शिव तहसील (बाड़मेर), भाद्रशुक्ल २
- पिता – अजमल,
- माता – मैणा दे
- पत्नी – नेतल दे,
- जाति – तंवर वंशीय राजपूत
- गुरु – बालीनाथ
- भाई – बिरमदेव जो कि बलराम के अवतार माने जाते हैं
- रामदेव जी को कृष्ण का अवतार माना जाता है
- रामदेव जी को रामसा पीर, रुणिचा रा धणी और बाबा रामदेव के नाम से जाना जाता है
- इनकी सवारी नीला घोड़ा है जिसका राम नाम लीला है
- विशेष पूजन स्थल – रुणिचा पोकरण,(जैसलमेर) छोटा रामदेवरा (गुजरात) मसूरिया, (जोधपुर) बरांठीया (पाली)
- प्रतीक चिन्ह – “पगल्ये”
- प्रिय शिष्य – हरजी भाटी, रत्ना रेबारी
- रामदेव जी ने बचपन में भैरव राक्षस का वध किया
- डाली बाई – इनकी मुंहबोली बहन थी
- मेला – भाद्रपद शुक्ला द्वितीया
- मेले का प्रमुख आकर्षण – ” तेरहताली नृत्य”
- मांगी बाई तेरहताली नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यांगना है।
- तेरहताली नृत्य कामड़ सम्प्रदाय की महिलाओं द्वारा किया जाता है।
- इनकी ध्वजा, नेजा कहताली हैं जो कि सफेद या पांच रंगों का होता हैं
- इनके यात्री ‘जातरू’ कहलाते है।
- मुसलमान रामसापीर के नाम से बुलाते हैं
- रामदेव जी को पीरों का पीर कहा जाता है।
- रामदेव जी का पुजारा रिखिया कहलाया
- रामदेव जी ने जातिगत छुआछूत व भेदभाव को मिटाने के लिए “जम्मा जागरण ” अभियान चलाया।
- जागरण को जम्मा कहते हैं
- समाधि स्थल – मसूरिया गांव (जोधपुर)
- मेले में कामड़ जाति की महिलाएं तेरहताली नृत्य करती है। तेरहताली नृत्य व्यावसासिक श्रेणी का नृत्य है।
- रामदेव जी ने कामड़ीया पंत का आरंभ किया
- बाबा राम देव जी एकमात्र लोक देवता थे, जो कवि भी थे।
- कृति -चौबीस बाणियां
- लोकगाथा गीत – ब्यावले
- रामदेव जी का गीत सबसे लम्बा लोक गीत है।
- पचरंगी पताका – नेजा
- इनकी फड़ का वाचन मेघवाल जाति या कामड़ पथ के लोग करते है।
3. पाबूजी-
- जन्म- 13 वी शताब्दी (1239 ई) में ,कोलूमंड गाँव , फलोदी (जोधपुर)
- पिता – धांधल राठौड़, माता कमला दे
- पत्नी – केलम दे – अमरकोट की राजकुमारी (सूरजमल सोडा की पुत्री)
- जाति – राठौड़
- उपनाम – पाबूजी को ऊंटों के देवता, प्लेग रक्षक देवता, राइका/रेबारी जाति के देवता आदि उपनामों से जाना जाता है। राइका /रेबारी जाति का संबंध मुख्यतः सिरोही से है।
- घोड़ी का नाम – केसर कालमी
- वीरगति – गोवंश की रक्षा हेतु जिंद राव खिची के साथ युद्ध करते हुए प्राण त्यागे, 276 ई.
- उपासना स्थल- कोलू,(फलोदी)
- घोड़ी – केसर कालमी
- प्रतीक चिन्ह – भाला लिए अश्वरोही
- पाबूजी को लक्ष्मण का अवतार माना जाता है
- पाबूजी ऊंटों के देवता के रूप में विख्यात हुए
- संबंधित रचनाएं – पाबूजी रो छंद -बिठू मेहा
- पाबू प्रकाश – आशिया मोड़ जी
- मेला – चैत्र अमावस्या (कोलू मंड, जोधपुर)
- सबसे लोकप्रिय पड़ पाबूजी की है
- मारवाड़ में ऊंट लाने का श्रेय पाबूजी को ही जाता है
- ऊंट के ठीक होने पर आधे कटे नारियल से बने वाद्य यंत्र “रावणहत्था” के साथ पाबूजी की फड़ भोपा व भोपण के द्वारा बोली जाती है
- ऊंटों में एक विशेष प्रकार का रोग “सर्रा” पाया जाता है
- विशेष – ऊंटों के देवता – पाबूजी
- ऊंटों की देवी अंता देवी
4. हड़बूजी-
- जन्म – भुंडेल गांव, नागौर
- पिता – मंगलिया
- गुरु – बालीनाथ जी
- प्रमुख स्थान – बेंगटी ग्राम (फलोदी, जोधपुर)
- रामदेव जी के मौसेरे भाई थे
- शकुन शास्त्र के ज्ञाता थे
- पुजारी – सांखला राजपूत
- अपंग गायों के लिए चारा लाते थे
- राव जोधा को मंडोर प्राप्ति का आशीर्वाद दिया और कटार भेंट की
- राव जोधा ने बेगंती गांव प्रदान किया
- श्रद्धालु बैलगाड़ी की पूजा करते हैं
5. मेहाजी मांगलिया-
- मुख्य मंदिर – जोधपुर के ओसिया के निकट बापड़ी गांव में
- पूजा – भाद्रपद कृष्ण अष्टमी (जन्माष्टमी)
- कामङिया पंथ से दीक्षित
- घोड़ा – किरङ काबरा
- इनके मंदिर के पुजारी भोपे की वंश वृद्धि नहीं होती है
राजस्थान के लोक देवता ( Rajasthan ke lokDevta )
मारवाड़ के पंच पीर – Trick – गो रा पा ह मे दो
⇒ गोगाजी, रामदेव जी, पाबू जी, हड़बूजी,मेहा जी
6. तेजाजी –
- जन्म – खरनाल (नागौर)
- माता – राजकुंवरी
- पिता – ताहड़ जी
- जाति – जाट ( गौत्र – धौल्या )
- पत्नी – पैमल (पनेर नरेश रामचन्द की पुत्री)
- ससुराल – पनेर (अजमेर)
- घोडी का नाम – लीलण (सिंणगारी) था।
- कार्यक्षेत्र – हाडौती क्षेत्र तेजाजी (अजमेर क्षेत्र में लोकप्रिय)
- उपनाम – गायों का मुक्ति दाता, कृषि कार्यो का उपकारक देवता, काला व बाला का देवता, जाटों का अराध्य देव
- अजमेर में इनको धोलियावीर के नाम से जानते है।
- पुजारी – घोडला
- ” भाद्र शुक्ल दशमी ” को परबत सर (नागौर) में इनका मेला आयोजित होता है। भाद्र शुक्ल दशमी को तेजा दशमी भी कहते है।
- नागौर में तेजाजी के मेले के साथ-साथ राज्य स्तरीय वीरतेजाजी पशु मेला आयोजित होता है। इस मेले से राज्य सरकार को सर्वाधिक आय प्राप्त होती है।
- सैदरिया- यहां तेजाजी का नाग देवता ने डसा था।
- सुरसरा (किशनगढ़ अजमेर) यहां तेजाजी वीर गति को प्राप्त हुए।
- लाछां गुजरी की गायों को मेर के मीणाओं से छुडाने के लिए संघर्ष किया व वीर गति को प्राप्त हुए।
- प्रतीक चिन्ह – हाथ में तलवार लिए अश्वारोही।
- बांसी दुगारी – तेजाजी का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल
- अन्य प्रमुख स्थल – ब्यावर, सैन्दरिया, भावन्ता, सुरसरा ।
- तेजाजी पर डाक टिकट जारी
7. देवनारायण जी –
- जन्म – गोठांदडावत, आशीन्द (भीलवाडा)
- पिता – संवाई भोज
- माता – सेडू खटाणी
- पत्नी – पीपलदे (राजा जयसिंह(मध्यप्रदेष के धार के शासक) की पुत्री)
- घोडे़ का नाम – लीलागर
- गुर्जर जाति के आराध्य देव
- प्रमुख देवरा – गोठांदडावत
- अन्य देवरा – देवधाम, जोधपुरिया, निवाई( टोंक)
- इनके मंदिर में ईंट की पूजा तथा नीम के पत्ते चढ़ाये जाते है
- गुर्जर जाति का प्रमुख व्यवसाय पशुपालन है।
- देवनारायण जी विष्णु का अवतार माने जाते है।
- आयुर्वेद के देवता के रूप में पूजा की जाती है
- बगडावत ग्रंथ – लक्ष्मी कुमारी
- मेला- भाद्र शुक्ल सप्तमी
- देहांत – भिनाय (अजमेर )
- सबसे पुरानी, लम्बी, छोटी फड़
- इनकी फड़ गुर्जर जाती के भोपे द्वारा जंतर नामक वाद्ययंत्र पर बांची जाती है
- देवनारायण जी फड़ पर 5 रूपये का डाकटिकट जरी
8. हड़बूजी –
- जन्म – भुन्डेल गाँव (नागौर)
- पिता – मेहाजी सांखला
- हड़बूजी बाबा रामदेव जी के मौसेरे भाई थे।
- गुरु – बालीनाथ
- हड़बूजी शकुन शास्त्र के ज्ञाता थे।
- पूजा स्थल – बेंगटी (फलोदी, जोधपुर)
- पुजारी – सांखला राजपूत
- इनके भक्त मंदिर में हड़बूजी की गाड़ी की पूजा करते हैं इसी गाड़ी में हड़बूजी पंगु गायों के लिए चारा लाते थे।
- राव जोधा को मण्डोर प्राप्ति का आशीर्वाद दिया व कटार भेंट की
- राव जोधा ने बेंगटी गाँव प्रदान किया
9. मेहाजी मांगलिया –
- मंदिर – जोधपुर के ओसियां के निकट बापणी गाँव
- घोड़ा – किरड़ काबरा घोड़ा
- भाद्रपद कृष्ण जन्माष्टमी (जन्माष्ठमी) को मेहाजी की अष्टमी मनाते हैं।
- कामिङया पंथ से दीक्षित
- इनके मंदिर के भोपे की वंश वृद्धि नही होती
राजस्थान के लोक देवता ( Rajasthan ke lokDevta )
10. वीर कल्ला जी –
- जन्म – मेड़ता (नागौर)
- पिता – आससिंह
- बुआ – मीरां
- जयमल मेड़तिया के भतीजे
- गुरु – योगी भैरवनाथ
- शेषनाग या नागदेवता के अवतार
- केहर, कमधण, बाल-ब्रह्मचारी, कल्याण आदि नामों से पूजा की जाती है
- 1568 के अकबर के चितौड़ आक्रमण करने पर मेवाड़ी सेना के साथ लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए
- चार हाथों वाले देवता – युद्ध में जयमल मेड़तिया को कन्धों पर बैठाकर युद्ध किया । इस कारण इतिहास में चार हाथों वाले देवता के रूप में पूजे जाते है
- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल – सामलिया (डूंगरपुर )
11 . मल्लिनाथ जी –
- जन्म – 1358 में मारवाड़(बाड़मेर) में
- पिता – रावल सलखा
- माता – जाणीदे
- मारवाड़ के शासक
- राजधानी – मेवानगर
- मुख्य मंदिर – तिलवाड़ा (बाड़मेर )
- मेला – चेत्र शुक्ल एकादशी से 15 दिन तक
- इनकी वीरता व् ईश्वरीय गुणों से प्रभावित होकर बाड़मेर का नाम मालानी रखा गया
राजस्थान के लोक देवता ( Rajasthan ke lokDevta )
- आलम जी का धोरा बाड़मेर में घोड़ों के प्रजनन के लिए विश्व प्रसिद्ध है
- मालानी नस्ल का घोडा पुरे भारत भर में प्रसिद्ध है
नोट – तलवाड़ा (बाँसवाड़ा ) – त्रिपुरा सुंदरी मंदिर
12. गोमतेश्वर बाबा /भूरिया बाबा –
- मीणा जाती के इष्ट देवता
- मीणा जाती के लोग इनकी झूंठी कसम नही खाते
- मंदिर – प्रतापगढ़ , पाली, सिरोही
- इनका मंदिर सुकड़ी नदी के किनारे बना हुआ है
- भूरिया बाबा शौर्य के प्रतिक माने जाते है
13. इल्लोजी –
- राजस्थान के ऐसे लोकदेवता, जो खुद कंवारे रहे लकिन कुंवारों को विवाह होने का आशीर्वाद देते है
- होलिका के होने वाले पति
- छेड़छाड़ के लोकदेवता
- सवारी – बाड़मेर में प्रारम्भ – हर्षोल्लास समापन – बिलखने के साथ
14. हरिराम बाबा –
- मंदिर – झोरङा (नागौर )- सांप की बाम्बी की पूजा
- सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को हरिरामजी की तांती बांधी जाती है
15. लक्कीनाथ जी / तल्ल्लिनाथ जी –
- वास्तविक नाम – गागदेव राठौड़
- शेरगढ़ (जोधपुर ) ठिकाने के शासक
- पिता – वीरमदेव
- गुरु – जालंधरनाथ
- लक्कीनाथ नाम गुरु ने दिया
- जालौर के प्रसिद्ध प्रकृति प्रेमी लोक देवता
- वृक्षों के संरक्षण एवं संवर्ध्दन के लिए प्रसिद्ध
- इनकी पूजा जहरीले जीव – जंतु
- प्रमुख स्थल – पंचमुखी पहाड़ी पर पंचोटा गांव (जालौर)
16. आलम जी –
- जेतमाल राठोड़ के नाम से प्रसिद्ध
- मुख्य मंदिर – धोरीमन्ना ( धोरीमन्ना – घोड़ों का तीर्थस्थल )
- इनकी पूजा मालानी क्षेत्र बाड़मेर में होती है
17. रुपनाथजी/ झोरड़ा जी –
- पाबूजी के भतीजे (पाबूजी के बड़े भाई बुदोजी के पुत्र )
- पाबूजी की मौत का बदला लेने के लिए इन्होने जींदराव खिंची का वध किया
- थान – कोलुमंड (जोधपुर), सिमुदड़ा (बीकानेर )
18. देवबाबा –
- ग्वालों के देवता
- पशुओं के बीमार होने पर इनकी पूजा की जाती है
- मंदिर – नंगला (भरतपुर)
19. वीर बिग्गाजी –
- जन्म – बीकानेर
- जाति – जाट
- गायों के मुक्तिदाता
- जाखड क्षेत्र के कुलदेवता
- मुस्लिम लुटेरों से गायों को छुडाते हुए बलिदान दिया
राजस्थान के लोक देवता ( Rajasthan ke lok Devta) PDF
20. केशरिया कँवर जी –
- गोगा के पुत्र
- मंदिर – चुरू
- हिमाचल में बालकनाथ जी के रूप में पूजा
- थान पर सफ़ेद ध्वज फहराते है
- इनका भोपा सर्प दंश के रोगी का जहर मुंह से चूसकर बाहर निकलते है
21. डुंगजी – जवाहर जी –
- चाचा – भतीजे थे
- शेखावटी क्षेत्र के लोकदेवता
- अमीरों से लूटकर एकत्रित धन को गरीबों बाँटकर उनकी मदद करते थे
- अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार क्र आगरा जेल में बंद
- जवाहर जी ने अपने दो प्रमुख सहयोगियों करणा मीणा व लोठिया जाट की मदद से रिहा
- नसीराबाद छावनी को लुटा
- अंग्रेजो ने पकड़ने की कोशिश की
- तत्कालीन AGG- सदरलेंड
22. मामा देव जी –
- बरसात के लोकदेवता
- दक्षिणी राजस्थान में पूजे जाते है
- राजस्थान के ऐसे लोकदेवता जिनकी मंदिर व मूर्ति नही है
- प्रतिमा के रूप में एक काठ का तोरण होता है
- भेंस की क़ुरबानी दी जाती है
23. बाबा झुंझार जी –
- जन्म – नीमकाथाना (सीकर )
- जाति – राजपूत
- स्यालोदड़ा गांव में रामनवमी को झुंझार जी का मेला लगता है।
- झुंझार जी का स्थान खेजड़ी के पेड़ के नीचे होता है।
24. फताजी –
- मुस्लिम लुटेरों से गायों की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त
- मंदिर – सांथू (जालोर )
25. खेतला जी
- मुख्य मंदिर – सोनाणा (पाली )
- यहाँ हकलाने वाले बच्चों का ईलाज किया जाता है
राजस्थान के लोक देवता PDF Download – Click Here
- राजस्थान में जीआई टैग । GI Tag क्या है?
- Rajasthan Budget 2023 Live Updates
- राजस्थान के लोक देवता | Rajasthan Ke Lokdevta
- Jodhpur District In Hindi | जोधपुर जिला दर्शन || राजस्थान जिला दर्शन
- राजस्थान जिला दर्शन | राजस्थान का जिलेवार सामान्य ज्ञान | Rajasthan Jila Darshan PDF Download
- राजस्थान मे 1857 की क्रांति (1857 Revolution in Rajasthan)
- राजस्थान का एकीकरण
- राजस्थान के भौगोलिक क्षेत्रों के उपनाम || Geographical names of different regions of Rajasthan
- राजस्थान के प्रतीक चिन्ह ( State Symbol of Rajasthan )
- राजस्थान में संभागीय व्यवस्था | Divisional System in Rajasthan
- राजस्थान के सभी जिलों के जिला शुभंकर
- राजस्थान के जिले | Districts of Rajasthan
- राजस्थान की सीमा | Rajasthan Border
- राजस्थान सामान्य ज्ञान ( Rajasthan General Knowledge )
- डाउनलोड राजस्थान अध्ययन बुक्स कक्षा 9th,10th,11th,and 12th Download Rajasthan Adhyayan Book 9th,10th,11th,12th Part
- राजस्थान में खनिज उत्पादन || Rajasthan me khanij utpadan PDF Download
- Rajasthan Geography Handwritten Notes PDF Download in Hindi
- राजस्थान में कृषि || Rajasthan me Krishi PDF Download
- राजस्थान की जलवायु || rajasthan ki jalwayu PDF Notes || Climate of Rajasthan Handwritten Notes PDF
- राजस्थान में अपवाह तंत्र || Remor system in Rajasthan PDF Download
- Chouhano ka itihas PDF Notes Downoad || चौहानों का इतिहास
- Alawar,Bharatpur,Karouli, Jaislamer Riyasto ki history अलवर, भरतपुर, करौली, जैसलमेर रियासतों का इतिहास PDF Download
- Marwar ka itihas PDF Download || मारवाड़ का इतिहास
- राजस्थान का भूगोल || Geography of Rajasthan PDF Download
- राजस्थान की हस्तकला || Rajasthan ki hastkala PDF Notes Download
- राजस्थान के पुरातात्विक स्थल || Archeological Sites of Rajasthan PDF Download
- राजस्थान में 1857 की क्रांति || Rajasthan me 1857 ki kranti PDF Notes
- राजस्थान का एकीकरण PDF Download || Unification of Rajasthan
- राजस्थान में किसान आन्दोलन | Rajasthan me kisan andolan PDF Download
- राजस्थान में प्रजामंडल आन्दोलन | Rajasthan me prajamandal andolan PDF Download
- Mewar ka itihas PDF Download || मेवाड़ का इतिहास
- राजस्थान का अपवाह तंत्र || Drainage System of Rajasthan | PDF DOWNLOAD
- Wildlife Sanctuary of Rajasthan ( राजस्थान के वन्यजीव अभ्यारण )
- Cattle breed of Rajasthan ( राजस्थान के पशुओं की नस्ले )
- 100 Genral Knowledge Question About Rajasthan (राजस्थान सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी)
- राजस्थान के प्रमुख महल, हवेलिया व छतरियां (Top palace in Rajasthan, Havelia and parasols) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान की लोक देवियाँ (Rajasthan Folk Goddesses) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान का विधानमण्डल (Legislature of Rajasthan)
- राजस्थान के उद्योग (Rajasthan Industries) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान के प्रमुख साहित्यिक ग्रन्थ | Rajasthan ke Pramukh Sahityik Granth
- राजस्थान के प्रमुख इतिहासकार | Rajasthan ke pramukh itihaskar
- राजस्थान के इतिहास के प्रमुख स्रोत | Rajasthan ke itihas ke Pramukh strot
- राजस्थान का नामकरण | Rajasthan ka Namkaran
- राजस्थान के प्रमुख लोक देवता (Folk deity of Rajasthan) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान के मंदिर (Rajasthan Temples) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान के प्रमुख त्यौहार (Major festivals of Rajasthan) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान के प्रमुख दुर्ग (Rajasthan Fort) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान के प्रमुख वाद्य यंत्र (Major instrument of Rajasthan) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान के लोक नाट्य (Rajasthan Folk drama) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
- राजस्थान की प्रमुख चित्रशैली (Rajasthan’s painting style) महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
Send notes
Pdf। डाउन लोड नही होरी